ज्यों भाजपा के शत्रुओं के लिए दिल्ली से चुनाव लड़ना हुआ नामुमकिन

लोकसभा चुनाव 2019 के लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में गठबंधन नहीं होगा. इसका विधिवत ऐलान भी मंगलवार को हो गया है। इस ऐलान के साथ ही दिल्ली की सातवीं सीट पर भारतीय जनता पाटी के बागी और बिहार से लोकसभा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा के चुनाव लडने की बात सिर्फ कयास में तब्दील हो कर रह गई। दरअसल मंगलवार सबह मीडिया के हवाले से खबर आई थी कि दिल्ली की सातों सीटों पर कांग्रेस में गठबंधन तकरीबन तय हो गया है। गठबंधन के तहत आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दोनों ही 3-3 सीटों पर चुनाव लडती, जबकि सातवीं सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी लड़ता। सूत्रों की मानें तो सातवीं सीट पर भारतीय जनता पार्टी के बागी और बिहार से लोकसभा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा भी चुनाव लड़ सकते थे। दोनों ही दलों के रणनीतिकारों का यह भी कहना था कि बिहारी बाबू यानी शत्रुघ्न सिन्हा के चुनाव लड़ने से इनकार करने पर इस सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व भाजपा नेता यशवंत सिन्हा को उतारा जा सकता था। ऐसे में माना जा रहा था कि सातवीं सीट वह होगी जिस पर पूर्वांचल और बिहार के मतदाता ज्यादा हों। दोपहर होते-होते यह सूचना पुख्ता हो गई किक्क कांग्रेस में गठबंधन नहीं होने जा रहा है। इसके साथ ही यह भी तय हो गया है कि शत्रुघ्न सिन्हा अब बिहार की पटना साहिब सीट से ही लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। यह बात खुद शत्रुघ्न सिन्हा कह चुके हैं यहां पर बता दें कि भारतीय जनता पार्टी के सांसद और अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने रविवार को ही साफ कर दिया था कि हालात कैसे भी हों आने वाले लोकसभा चुनाव में वह पटना साहिब से ही मैदान में उतरेंगे। उन्होंने कहा था कि सिचुएशन कोई भी हो लोकेशन वही रहेगी। वहीं, शत्रुघ्न ने अपनी पत्नी पनम सिन्हा के चनाव मैदान में उतरने के बारे में यह कहकर रहस्य बना रखा कि तक आने दो सब पता चल जाएगा। गठबंधन होने की स्थिति में दिल्ली में लोकसभा की सात सीटों पर चुनाव 3-3-1 के फॉर्मले पर लडा जाता। इस फॉर्मले के तहत दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे और पर्वी दिल्ली से पर्व सांसद दिल्ली से चनाव नहीं लडते यहां पर बता दें कि पिछले साल जन महीने में भाजपा नेता यशवंत सिन्हा और शत्रघ्न सिन्हा ने विपक्षी दलों के साथ मिलकर एक नया राजनीतिक मोर्चा राष्ट्र मंच बनाया है। तब यशवंत सिन्हा ने कहा था कि यह मंच विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने सरकार की नीतियों के खिलाफ आंदोलन करने के लिए खडा किया है चाहे फिर नीतियां केंद्र सरकार की हों या राज्य सरकार कीयहां तक बिहारी बाबू की बात है तो भाजपा और शत्रुघ्न के बीच दरी अब काफी बढ़ गई है। इस बार ये आम चर्चा है कि भाजपा उनको अगली बार टिकट नहीं देने वाली है